सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी के द्वारा शुरुआत किया गया आंदोलन था और इसकी यात्रा गांधी जी ने दांडी मार्च की यात्रा के दौरान की थी गांधीजी साबरमती आश्रम के 78 सदस्यों के साथ 12 मार्च 1930 से अहमदाबाद 141 अमीर की दूरी पर स्थित गांव से यात्रा शुरू की थी
savinay avagya andolan स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यह आंदोलन 1920 में महात्मा गांधी के द्वारा आरंभ किया गया था और इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार को उनके अनुरोध को मानने के लिए और अपने अधिकारों को उनके प्रति चुकाने के लिए चलाया गया था इस आंदोलन में लोगों ने विभिन्न तरीकों से भाग लिया था जैसे अस्पतालों में काम ना करना, रेलवे में नहीं चढ़ना नौकरियों से इस्तीफा देना और अधिकारियों के सामने काम ना करना |
सविनय अवज्ञा आंदोलन क्या है
क्या आंदोलन गांधी जी द्वारा दांडी मार्च के दौरान शुरू हुआ था 12 मार्च 1930 को गांधी जी आश्रम के सदस्यों से अहमदाबाद से दूर 241 मील पश्चिम तट की यात्रा के दौरान पैदल निकले थे इसके बाद गांधीजी 6 अप्रैल 1930 को गांधी जी दांडी पहुंचे जहां उन्होंने नमक कानून तोड़ा उस समय किसी के द्वारा नमक बनाना या उसका व्यापार करना गैरकानूनी था क्योंकि उस पर सरकार का अधिकार था गांधीजी ने समुद्र के पानी से बने ना मांग को मुट्ठी में उठाया और कानून तोड़ दिया जिसके कारण पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन फैल गया |
सविनय अवज्ञा आंदोलन कब हुआ था
सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 के दशक में भारत में हुआ था आंदोलन का नेतृत्व का निजी ने किया था और इस आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी जी ने दंड से संबंधित कानूनों का डटकर विरोध किया था इसमें गांधी जी ने अंग्रेजी सरकार को अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी थी इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारतीयों के बीच में राष्ट्रीय विचारधारा उत्पन्न करना करना था जिससे कि भारतीयों को अंग्रेजों के शासन से मुक्ति मिल सके और भारत आजाद हो सके |
सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कारण
महात्मा गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया था जिसके लिए अपने मुख्य कारण है ;
- ब्रिटिश सरकार ने सन 1928 में की नेहरू समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था
- भारत आंदोलन के दौरान उप निदेशक स्वराज्य का काम कर रहा था
- आर्थिक मंदी के कारण किसानों और मजदूरों की स्थिति बिगड़ चुकी थी समाजवादी विचारों का उदय हुआ जिस को रोकने के लिए कांग्रेसी ने महत्वपूर्ण कदम उठाए
- 1948 में भारत ओली सरदार पटेल जीवनी करना देने से संबंधित आंदोलन का प्रयोग किया सरदार पटेल जी किसानों के पक्ष में इसलिए उन्होंने इनका विरोध किया
- आर्थिक दिवालियापन के कारण देश में राष्ट्रीय प्रेम की बहुत क्षति होती जा रही थी लोगों को एकजुट करने और सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत करी थी
- इन सभी कारणों के अलावा गांधीजी का यह मानना था कि यदि भारत को एक राष्ट्रीय स्वपन राज्य बनाना है तो सभी लोगों का एकजुट होना अनिवार्य है और इस आंदोलन के कारण ही भारत को आजादी की राह दिलाई जा सकती है
सविनय अवज्ञा आंदोलन की असफलता के कारण
savinay avagya andolan आजादी संग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण चरण था जो ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध परंतु इसकी असफलता के कई कारण थे सामाजिक और आर्थिक असमानता भारत में अधिकांश लोग गरीब थे उनके पास कोई रोजगार नहीं था और ना ही उन्हें कोई अधिकार प्रदान किए गए थे इस कारण से सामाजिक और आर्थिक असमानता इस आंदोलन को पर सफल बनाने में मुख्य कारण रही |
विदेशी वस्तुओं की आवश्यकता इस आंदोलन के दौरान भारत को बहुत सी चीजें हैं उपलब्ध नहीं थी जो लोगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकती थी इसके कारण भारत मैं विदेशी वस्तुओं की मांग बढ़ गई जो कि इस आंदोलन के लिए एक असफल कारण साबित हुई |
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FAQ
Q:सविनय अवज्ञा आंदोलन कब आरंभ हुआ
A:12 मार्च 1930 को
Q:सविनय अवज्ञा आंदोलन का समय काल कब से कब तक रहा था
A:1930 से लेकर 1931 तक
Q”इस आंदोलन के दौरान कौन सा घटनाक्रम घटा था
दांडी मार्च के दौरान पुलिस के हमले के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी
Q:सविनय अवज्ञा आंदोलन किसके विरुद्ध था
A:ब्रिटिश सरकार के प्रति