होमरूल आंदोलन Home Rule Andolan होमरूल का अर्थ है स्वशासन अथवा गृह शासन | भारत में Home Rule Andolan श्रीमती एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक द्वारा किया गया था बाल गंगाधर तिलक 6 वर्ष की सजा काट कर 16 जून 1914 को रिहा हुए इसके बाद श्रीमती एनी बेसेंट ने 3 सितंबर 1916 ईस्वी में मद्रास में होमरूल आंदोलन लीग की स्थापना करें |
Home Rule Andolan की शुरुआत का श्रेय श्रीमती एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक को जाता है जून 1914 में बाल गंगाधर तिलक की स्वदेशी वापसी के पश्चात उसके नेतृत्व में राष्ट्रवाद पुनः सक्रिय हो गया 1915 में राष्ट्रवादियों के पुनः सम्मेलन में होम रूल लीग की स्थापना पर प्रश्न उठे लेकिन उनके विचार नरम दल के नहीं थे लेकिन वे कांग्रेस में पुनः प्रवेश करना चाहते थे | कई सभाओं और सम्मेलन के बाद होम रूल लीग की स्थापना 1916 में कर दी गई |
होमरूल आंदोलन के कारण(Home Rule Andolan ke Karan)
श्रीमती एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक के जो सदस्य थे वह आपस में एक दूसरे के बातों से सहमत नहीं थे इसलिए बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने होमरूल आंदोलन को अलग-अलग चलाने का निर्णय किया इसके निम्नलिखित कारण थे |
प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव
प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य प्रभाव यह पड़ा कि भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए मैदान में उतर चुके थे अंग्रेज जर्मनी के विरुद्ध पूरी तरह से लड़े जिसे भारतीयों को स्वराज और स्वतंत्रता के मूल्यों का ज्ञान हुआ जिससे अब भारतीय अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो गए अंग्रेजों का कहना था कि यह युद्ध स्वतंत्रता और लोकतंत्र की स्थापना के लिए लड़े रहे हैं अतः भारतीयों में स्वतंत्रता एवं तब राज्य के प्रति इच्छा जागने लगी जिससे भारी मात्रा में लोग होमरूल आंदोलनों की तरफ जागृत होने लगे |
नरम दल और गरम दल के बीच समझौता
1960 में सूरत के अधिवेशन के द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गरम दल और नरम दल में विभाजित हो गई इसका प्रभाव यह पड़ा कि कांग्रेस की लोकप्रियता कम हो गई तिलक 6 वर्ष की जेल काटने के पश्चात कांग्रेसमें दोबारा शामिल होने की इच्छा जाहिर करने लगे श्रीमती एनी बेसेंट भी होम रूल आंदोलन के लिए नरम पत्तियों का सहयोग मांगने लगी अतः उन्होंने गर्म पंछियों को कांग्रेसमें शामिल करने के प्रयास तेज कर दिए नरमपंथी भी समझौते के पक्ष में थे एनी बेसेंट ने कांग्रेस के विधान में कुछ समझो तो मैं भी सुझाव दिए परंतु श्रीमती एनी बेसेंट के सदस्य गोपाल कृष्ण गोखले के सदस्यों को पसंद नहीं करते थे |
लखनऊ का समझौता
1914 में कांग्रेसी एवं मुस्लिम लीग के नेताओं ने स्वराज प्राप्त करने के लिए मिलजुल कर कार्य करने का निश्चय लिया कांग्रेस और मुस्लिम लीग को नजदीक लाने में मोहम्मद अली जिन्ना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इस समझौते से मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच एकता स्थापित हो गई इसमें एनी बेसेंट एवं तिलक होमरूल की मांग करना इनके लिए सरल हो गया परंतु इस समझौते से भारत की राजनीति को काफी हानि पहुंची इस समझौते से भारत विभाजन या पाकिस्तान के निर्माण की नियम भी रखी गई |
एनी बेसेंट होम रूल लीग
श्रीमती एनी बेसेंट का जन्म 1839 ईस्वी में लंदन में हुआ था वे 18 सो 87 ईस्वी में ब्रिटिश उग्र सुधारवादी और साम्राज्यवादी आंदोलनों से जुड़ गई उसने इस कार्य में सिडनी वेज ,जॉर्ज शो तथा पेरिस कम्यून जैसे लोगों से सहयोग लिया 1914 में वे राजनीति की ओर चल पड़ी उसमें शामिल होकर भारतीय राजनीति में प्रवेश किया उसका उद्देश्य भारतीय संबंधों को मजबूत बनाना था में ब्रिटिश साम्राज्य की भी बहुत बड़ा समर्थक थी और उन्होंने 3 सितंबर 1916 को मद्रास में होम रूल लीग की स्थापना कर दी |
बाल गंगाधर तिलक होम रूल लीग
बाल गंगाधर तिलक ने होमरूल आंदोलन की शुरुआत की थी बाल गंगाधर तिलक 6 वर्ष की सजा काटने के पश्चात 1914 में रिहा हुए जब वह भारत पहुंचे तो उन्हें देश की राजनीति में काफी परिवर्तन देखने को मिला क्रांतिकारी नेता अरविंद घोष राजनीति से संन्यास ले चुके थे और पांडिचेरी चले गए थे तथा लाला लाजपत राय भी अमेरिका चले गए थे कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में हुए कांग्रेस के विभाजन और बहिष्कार आंदोलन हुआ अतः नरमपंथी का तिलक पर गहरा प्रभाव पड़ा उसकी जनता से सहानुभूति समाप्त हो गई तिलक अब राष्ट्रीय कांग्रेस में समझौता करने की मांग करने लगे थे |
Home Rule Andolan-होमरूल आंदोलन का महत्व
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में आंदोलन का बहुत बड़ा महत्व है इस आंदोलन ने स्वशासन के लिए एक ऐसा मार्ग तैयार किया जिस पर गांधी जैसे नेता मशाल लेकर आगे बढ़े और भारत को स्वतंत्र करके पूर्ण स्वराज्य दिलाया इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश गुजरात से मद्रास मध्य प्रांत आदि क्षेत्र शामिल थे इस आंदोलन ने भारतीयों में एकता एवं भाईचारा स्थापित किया होमरूल आंदोलन का अमेरिका और इंग्लैंड पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ा इसके अलावा कृष को और मजदूरों को अपने हितों के लिए संघर्ष करने की भावना उत्पन्न हुई |
अंत में यह कहा जा सकता है कि होमरूल आंदोलन की स्थापना तिलक एवं एनी बेसेंट के द्वारा की गई थी इस आंदोलन ने जहां कांग्रेसी एवं मुस्लिम लीग के बीच में समझौता करवाया इससे भारत में स्वराष्ट्र की मांग की लहर उत्पन्न हो गई तिलक एवं बेसेंट के प्रयासों से 20 अगस्त 1917 को मांटेग्यू घोषणा करनी पड़ी |
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