Germany Ka Ekikaran-जर्मनी का एकीकरण कब हुआ-जर्मनी का एकीकरण 1871 ई में पूरा किया गया | जर्मनी लालबाग 300 से अधिक छोटी-छोटी राज्य में बटा हुआ था और नेपोलियन ने अपनी भी जिओ के द्वारा राईन संघ के अंतर्गत जर्मन को संगठित किया जिसमें जर्मनी के राज्यों को एक साथ रहने का मौका मिला जिसके कारण जर्मनी में एकता की भावना का विकास हुआ |
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको Germany Ka Ekikaran के बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे जर्मनी का एकीकरण कब हुआ और जर्मनी का एकीकरण क्यों हुआ इससे संबंधित आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो इस पोस्ट में हम आपको सारे प्रश्न के उत्तर दे देंगे तो इस पोस्ट को आप ध्यानपूर्वक पढ़ें |
जर्मनी का एकीकरण कब हुआ-Germany ka ekikaran 1871
वियतना कांग्रेस द्वारा जर्मन राज्य की नीव रखी गई इसके अनुसार उन्हें 39 रियासतों में बांट दिया गया जिसे शिथिल संघ के रूप में संगठित किया गया और उसका अध्यक्ष ऑस्ट्रिया को बनाया गया था और इन राज्यों के लिए एक संघीय सभा का भी गठन किया गया जिसका अधिवेशन फ़्रैंकफ़र्ट में होता था और इसके सदस्य जनता ना हो पर राज्यों के राजाओं द्वारा मनोनीत किए जाते थे
यह शासक नवीन विचारों के थे और राष्ट्रीयता की एकता की बात को नापसंद करते थे किंतु जर्मन के राज्यों की जनता में राष्ट्रीयता की भावना और स्वतंत्रता विद्यमान थी यह भावना इसलिए विद्यमान थी कि ऑस्ट्रिया का वर्चस्व अभी भी विद्यमान है
जर्मनी में राष्ट्रीयता का विकास
1815 से 1848 में देश के अंदर अनेक गुप्त समितियां बन चुकी थी जो कि लोगों में राष्ट्रीयता की भावना को उजागर करती थी 1830-48 फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव के कारण यह क्रांतिकारी सफल ना हो पाए जिसके कारण देश की जनता में राजनीतिक चेतना का अभाव हुआ
1848 की क्रांति के फलस्वरूप मेटरनिख व्यवस्था का पतन हो गया जिसके कारण जर्मन के राज्यों के लिए यह एक उत्साहवर्धक घटना रही | Germany Ka Ekikaran जर्मन के क्रांतिकारियों की दो मुख्य समस्याएं थी ऑस्ट्रिया के प्रभुतव से छुटकारा पाना और जर्मनी को संगठित करना |
जर्मनी का आर्थिक एकीकरण
जर्मनी में अलग अलग राज्य है जिस कारण से वहां के व्यापारियों को व्यापार करने में बहुत अड़चनें आती थी इस बाधा को दूर करने के लिए जर्मन के 18 राज्यों ने मिलकर 1829 में प्रशा के नेतृत्व में जोलवेरिन संघ का निर्माण किया एक प्रकार का व्यापारिक संगठन जिसका अधिवेशन हर वर्ष किया जाता था और इस संघ के सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते थे 1850 तक जर्मनी के सभी राज्य इस के सदस्य बन चुके थे
अब सारे राज्यों में सीमा शुल्क लागू हो गया था इस कारण जर्मनी के व्यापार में वृद्धि हुई और इसने वहां के लोगों को एकता के सूत्र में बांध दिया इस प्रकार आर्थिक एकीकरण के कारण राजनीति की भावना का विस्तार हुआ और जर्मनी का एकीकरण Germany Ka Ekikaran में यह पहला महत्वपूर्ण कदम था
जर्मनी का राजनीतिक एकीकरण
राजनीतिक एकीकरण के कारण बिस्मार्क का उदय हुआ वह जर्मनी के राज्यों में प्रशा का नेतृत्व करता था वह प्रशा के सैनिकों को मजबूत बनाना चाहता था और यूरोप की राजनीति में अपना वर्चस्व कायम रखना चाहता था और ऑस्ट्रिया को जर्मन से निकालकर प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था
बिस्मार्क की विदेशी नीति
बिस्मार्क प्रशा के सैनिकों में वृद्धि करती और कूटनीति का सहारा लेकर बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण को पूरा किया एकीकरण को पूरा करने के लिए उसने तीन प्रमुख युद्ध लड़े इन तीनों युद्ध में उसकी विजय रही युद्ध में सफल होकर उसने जर्मनी के एकीकरण को पूरा किया इन तीनों युद्ध का वर्णन इस प्रकार है
डेनमार्क युद्ध 664
सबसे पहले बिस्मार्क ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन डेनमार्क के राज्यों पर हमला करके किया था जर्मनी और डेनमार्क के बीच दो प्रदेश थे जिनके नाम श्लेसविग और हॉलस्टीन है इन दोनों प्रदेशों पर डेनमार्क का अधिकार था लेकिन इन प्रदेशों के कोई राज्य नहीं थे इस युद्ध के कई कारण और परिणाम थे जैसे;
- हॉलस्टीन की जनता जर्मन जाति से संबंध रखती थी
- श्लेसविग के आधे लोग जर्मन और आधे लोग डेन जाति से संबंध रखते थे
- डेन देशभक्तों ने एकीकरण करने का प्रयास किया |
- प्रशा और ऑस्ट्रिया दोनों ने मिलकर 1864 में डेनमार्क पर आक्रमण किया और उसे पराजित कर दिया |
फ्रेंको प्रशिया युद्ध 1870
सेडान के इस युद्ध में फ्रांस की विजय हुई और इस युद्ध में फ्रैंकफर्ट संधि जिसके अनुसार निम्नलिखित शर्तें थी फ्रांस और अल्सास और लोरेन के प्रदेशों को प्रशा को सौंपने का आदेश था फ्रांस ने इस युद्ध का हर्जाना 20 करोड़ पाउंड देकर चुकाया था
ऐस्ट्रो प्रशियन युद्ध 1866
यह युद्ध ऑस्ट्रिया और प्रशा के बीच हुआ था इसके परिणाम स्वरूप जर्मन राज्यों में प्रशा की प्रभुत्व बन गया और सेडोवा के युद्ध में ऑस्ट्रिया को पराजित किया गया इसके निम्नलिखित परिणाम थे.
- स्पेन के अधिकारियों में गृह युद्ध का होना
- इस युद्ध के फल स्वरुप जर्मन राज्यों में ऑस्ट्रिया का वर्चस्व समाप्त हो गया
- कई प्रदेश मिलने से इनकी भौगोलिक स्थिति में विस्तार हुआ
- यूरोप में प्रशा सबसे शक्तिशाली राज्य बन चुका था
- बिस्मार्क के द्वारा प्रशा की अध्यक्षता में उत्तरी जर्मन में एक संघ का गठन किया गया जिसमें 22 राज्यों को शामिल किया गया |
- Chittod ka Kila History-चित्तौड़गढ़ किले का इतिहास
- Tarain Ka Pratham Yuddh-तराइन का प्रथम युद्ध कब हुआ था
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